Know about the ages old Hindu religion (SANATAN DHARMA) both in English and Hindi. World's oldest religion for mental peace, peace of world ,love and spiritual upliftment of the human soul.
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we are here to provide you the basic and exact knowledge about the world's oldest religion that is the HINDU RELIGION(SANATAN DHARMA).
शबरी श्री राम की परम भक्त थी जिन्होंने उन्हें झूठे बैर खिलाये थे, शबरी का असली नाम “श्रमणा” था, वह भील सामुदाय के शबर जाति से सम्बन्ध रखती थीं इसी कारण कालांतर में उनका नाम शबरी पड़ा । उनके पिता भीलों के मुखिया थे, श्रमणा उनका विवाह एक भील कुमार से तय हुआ था, विवाह से पहले कई सौ पशु बलि के लिए लाये गए जिन्हें देख श्रम बड़ी आहत हुई. यह कैसी परंपरा जिसके बेजुबान और निर्दोष जानवरो की हत्या की जाएगी इस कारण शबरी विवाह से 1 दिवस पूर्व भाग गई और दंडकारण्य वन में पहुंच गई। दंडकारण्य में मातंग ऋषि तपस्या किया करते थे, श्रमणा उनकी सेवा तो करना चाहती थी पर वह भील जाति की होने के कारण उसे अवसर ना मिलाने का अंदेशा था। फिर भी शाबर सुबह-सुबह ऋषियों के उठने से पहले उनके आश्रम से नदी तक का रास्ता साफ़ कर देती थीं, कांटे चुनकर रास्ते में साफ बालू बिछा देती थी। यह सब वे ऐसे करती थीं कि किसी को इसका पता नहीं चलता था। 1 दिवस ऋषिश्रेष्ठ को शबरी दिख गई और उनके सेवा से अति प्रसन्न हो गए और उन्होंने शबरी को अपने आश्रम में शरण दे दी। जब मतंग का अंत समय आया तो उन्होंने शबरी से कहा कि वे अपने ...
जैसा कि हम सबको विदित है चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकम (पड़वा) से हिंदू नव वर्ष शुरू होता है चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकम से ही नवरात्र शुरू होते हैं। 1973, 8 अप्रैल को नवरात्रि की षष्टम् (6) तिथि थी। इस दिन माता कात्यायनी की पूज आराधना की जाती है। Click here Subscribe for more information. Share and comments are appreciated.
When is Parashurama Jayanti? This regional Indian holiday is observed on Tritiya (third day) of the Shukla Paksha within the month of Vaishakh. It celebrates the birth anniversary of Parashurama, the sixth incarnation of Lord Vishnu in Hinduism. parsurama jayanti2020 Jai Parshuram jayanti sms in hindi Parasuram Jayanti is widely known to honor the birth anniversary of Maharishi Parasuram, who is taken into account to be the 6th avatar of Lord Vishnu within the Hindu mythology. within the states of Gujarat, Himachal Pradesh, Rajasthan, and Haryana, it's celebrated in 2020 on 25 April, Saturday. within the states of Punjab and Madhya Pradesh, it's celebrated on 26 April, Sunday, in 2020. The day is observed by fasting as some way of sacrificing the comforts of life so as to achieve higher goals. Fasting usually begins the day before. It is also celebrated ...
महर्षि अगस्त्य वैदिक काल के एक महान , ज्ञाता और आध्यात्मिक गुरु थे |उन्होंने अपनी पत्नी के साथ ऋग्वेद का कुछ अंश भी लिखा था | उनके आध्यात्मिक विकास के कारण एक दिव्य ज्योति हमेशा उनके चारों और रहती थी | हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार उन्होंने विंध्यांचल पर्वत को पैरों से दबाकर बढ़ने से रोक दिया था और इसी कारण उन्हें अगस्त्य कहते हैं (अग + स्तंभ) | एक बार देवताओं की सहायता के लिए अगस्त्य ने अंजुल में समस्त सातों समुंदरों को पी लिया था ताकि देवता समुद्रों में छिपे राक्षसों का विनाश कर सकें | हिंदू धार्मिक ग्रंथों जैसे रामायण के अनुसार महर्षि अगस्त्य को भगवान विष्णु ने स्वयं तमिल भाषा का ज्ञान दिया था इसीलिए अगस्त्य को तमिल भाषा का जनक माना जाता है और उन्होंने ही आरंभिक तमिल व्याकरण लिखी थी | उन्होंने वैदिक कालीन विज्ञान और चिकित्सा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था | महर्षि अगस्त्य कावेरी नदी को ब्रह्मलोक से कमंडल में भरकर पृथ्वी लोक पर लाए थे | हिंदू ग्रंथ रामायण के अनुसार वनवास के दौरान भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता व भा...
परशुराम जयंती 2020 कब है? यह क्षेत्रीय भारतीय अवकाश वैशाख के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया (तीसरे दिन) को मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम की जयंती मनाता है। PARSURAMA JAYANTI2020 हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु के 6 वें अवतार माने जाने वाले महर्षि परशुराम की जयंती को सम्मान देने के लिए परशुराम जयंती मनाई जाती है। गुजरात, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा राज्यों में, यह 2020 में 25 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाता है। पंजाब और मध्य प्रदेश राज्यों में, यह 2020 में 26 अप्रैल, रविवार को मनाया जाता है। इस दिन को उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जीवन की सुख-सुविधाओं का त्याग करने के रूप में उपवास करके मनाया जाता है। उपवास आमतौर पर एक दिन पहले शुरू होता है। यह नए प्रयासों को शुरू करने और नए व्यवसाय प्राप्त करने के लिए एक शुभ अवसर के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को अक्षय तृतीया भी कहा जाता है। लोग उन मंदिरों की यात्रा भी करते हैं जो विशेष रूप से महर्षि को समर्पित हैं ताकि उन्हें उनकी आज्ञा का पाल...
Maharshi Agastya was the great sage , scholar of Vedic period of Hinduism. He also written some part of rig Veda along with his wife. According to Hindu religious texts it is said that once he stop the upward growth of haughty mountain Vindhyanchal (in south India ) that's why he is called as Agastya i.e. the stopper of mountain . Once sage Agastya drank all the water of seven oceans of this world to help gods to kill demons which were hiding in the oceans. Lord Vishnu himself gave him the knowledge of Tamil language that's why Maharshi Agastya is known as originator of Tamil language he also developed early Tamil grammar. He also played a leading role in the development of science and medicine in Vedic times. According to Ramayana (a Hindu religious text ) during exile in forest (Vanvas) lord Rama along with his wife Sita and brother Lakshman visited the monastery (ashram) of Maharishi Agastya. ...
kalidasa a intro : Kālidās was a Classical Sanskrit writer, widely considered the best poet and dramatist within the Sanskrit language of India. His plays and poetry are based on the Vedas, the Ramayana, the Mahabharata and therefore the Puranas. His surviving works carries with it three plays, two epic poems and two shorter poems. Much about his life is unknown, only what are often inferred from his poetry and plays. His works can not be dated with precision, but they were possibly authored within the 4th–5th century CE. Scholars have speculated that Kalidasa may have lived near the Himalayas, within the vicinity of Ujjain, and in Kalinga. This hypothesis relies on Kalidasa's detailed description of the Himalayas in his Kumārasambhava, the display of his love for Ujjain in Meghadūta, and his highly eulogistic descriptions of Kalingan emperor He...
कैसे कोरोना के डर ने ब्रिटेन में मचाई तबाही : कोरोना वायरस के फैलाव के बीच सोशल मीडिया पर 5 जी टेक्नोलॉजी के खिलाफ जमकर अभियान चल रहा है। फेसबुक ग्रुप, व्हाट्सएप संदेशों और यूट्यूब पर यह गलत प्रचार हो रहा है कि 5 जी टेक्नोलॉजी की रेडियो तरंगों से लोगों के शरीर में परिवर्तन होते हैं इसलिए वह वायरस का शिकार हो जाता है। ब्रिटिश अधिकारियों ने बताया कि देश में इस माह वायरलैस टॉवर जलाने की 30 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। टेलीकॉम टेक्नीशियन को परेशान करने की 80 से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। ब्रिटेन के बर्मिंघम, लिवरपूल सहित कई स्थानों और उत्तर आयरलैंड के बेलफास्ट में ऐसी घटनाएं हुई है। 23 मार्च को ब्रिटिश सरकार ने 5जी उपकरणों की खास सुरक्षा के आदेश जारी कर दिए हैं। इन घटनाओं से पता लगता है कि वास्तविक दुनिया में कोरोना वायरस साजिश का कैसा अंधा प्रचार किया जा रहा है। गलत प्रचार अभियान पर रिसर्च करने वाले विशेषज्ञों का कहना है, कोरोना वायरस से पहल...
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